सोमवार, 24 मार्च 2014

घर-घर मोदी, स्वर-स्वर मोदी



घर-घर मोदी,
स्वर-स्वर मोदी,
 देव भूमि से
गूंज रहा,
चहुँदिश नमो,
निरंतर मोदी ।
 
जन उदघोष,
है रण की बेला,
मारक अस्त्र,
व्युह का रेला,

प्रखर शत्रु,
प्रखरतर मोदी
|
 
घर-घर मोदी......   

जीर्ण विरासत का
अधिकारी,
भर्मित मति सा
एक मदारी,

और बचे कुछ,
निकृष्ट खिलाडी,
गर वे भूमि,
शिखर है मोदी । 

घर-घर मोदी.......  

केंद्रित दृष्टि,
वेगमय रथ है,
अविचल बुद्धि,
सुनिश्चित पथ है,
विजयोन्मुख,
है बेहतर मोदी |

घर-घर मोदी.....  

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