घर-घर मोदी,
स्वर-स्वर मोदी,
देव भूमि से
गूंज रहा,
चहुँदिश नमो,
निरंतर मोदी ।
जन उदघोष,
है रण की बेला,
मारक अस्त्र,व्युह का रेला,
प्रखर शत्रु,
प्रखरतर मोदी |
घर-घर मोदी......
जीर्ण विरासत का
अधिकारी,
भर्मित मति सा एक मदारी,
और बचे कुछ,
निकृष्ट खिलाडी,
गर वे भूमि,
शिखर है मोदी ।
घर-घर मोदी.......
केंद्रित दृष्टि,
वेगमय रथ है,
अविचल बुद्धि,
सुनिश्चित पथ है,
विजयोन्मुख,
है बेहतर मोदी |
घर-घर मोदी.....
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