चंचल, बोधरहित, मनभावन,
सहज, सरल, मन ऊपवन,
स्वतः प्रेम जागृत कर जाये,
स्वतः प्रेम जागृत कर जाये,
कितना प्यारा बचपन |
रंच मात्र का लोभ नहीं,
रंच मात्र का लोभ नहीं,
ना राग-द्वेष की बातें,
मस्ती का वह जीवन बीता,
मस्ती का वह जीवन बीता,
बाकी केवल यादें |
वो क्षण भर, मन का रूठना,
वो क्षण भर, मन का रूठना,
अगले पल ही धूम मचाना,
जटिल बड़ा लगता अब सबकुछ,
जटिल बड़ा लगता अब सबकुछ,
वो सामर्थ्य नहीं, पहचाना |
वो भूल कोई कर, डर,
वो भूल कोई कर, डर,
माँ के आँचल छिप जाना,
कितना साहस भर जाता था,
कितना साहस भर जाता था,
वो स्नेह शरण का पाना |
बचपन की वो हंसी ठिठोली,
बचपन की वो हंसी ठिठोली,
ख्वाबों की मुक्त उडानें,
आज बंधा सा लगता जीवन,
आज बंधा सा लगता जीवन,
बचपन क्या, अब जानें |
काश यदि होता संभव,
काश यदि होता संभव,
वक़्त को, उल्टे पैर चलाना,
जग जीवन से, राहत कितना,
जग जीवन से, राहत कितना,
देता बचपन का आना |