![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiw2Jp3OL2iuT2VHLwvLVZoLfUc6AvsAhnuM_46qKNCWfgzmQ-0iRZI4dSLrG6wdt5LvNvW2PtuLm5wQU81QKA2kp9ea00C3pH5lBys8AHLFdMA2wLDHhp9D0qep76_SBusFDDOoBOp4nE/s400/holding-hand-of-god.jpg)
साथ मेरा,
जब है हमदम,
फिर साँझ - सवेरा क्या है ?
पग की बाधाएँ,
हैं क्या फिर ?
दुर्दांत अँधेरा क्या है ?
तुमने,
निज हाथ दिया मुझको,
हर पल का साथ दिया मुझको,
दुःख - सुख तेरे,
अब मेरे हैं,
तुमने कृतार्थ किया मुझको |
एक सफ़र के,
हम हमसफ़र बने,
अब धुप मिले या छाँव घने,
पग,
जहा पड़े मेरे राहों में,
तेरे, संग-पदचिन्हों की छाप बने |
होकर निःशंक,
तुम साथ चलो,
दे हाथों में तुम हाथ चलो,
मिल,
दुर्गम रस्ते साधें हम,
हर बाधाओं के पार चलो |