है रौशनी लायी सवेरा,
जाती जहा तक दृष्टि है,
जाती जहा तक दृष्टि है,
आदित्य का ही है बसेरा |
छट चुके काले अँधेरे,
छट चुके काले अँधेरे,
मिट चुकी हर मुश्किले हैं,
खुल गयी मंजिल की राहें
खुल गयी मंजिल की राहें
गम क्या अगर कुछ फासले हैं |
जग गयी सोयी तम्मना,
जग गयी सोयी तम्मना,
नींद अब पूरी हुई है,
भाग्य की मिटती लकीरें,
भाग्य की मिटती लकीरें,
फिर से अब बनने लगी है |
उत्साह है मन में उठा,
उत्साह है मन में उठा,
परवाह शुलो की नहीं है,
जीत होगी हीं हमारी,
जीत होगी हीं हमारी,
बस कुछ पलों की वेबसी है |
फिर मिली खोयी वो ताकत,
फिर मिली खोयी वो ताकत,
फिर वही सम्मान पाया
धन्य है वो विश्व नायक,
धन्य है वो विश्व नायक,
धन्य है नियति की माया |
जग गए हम,
जग गए हम,
फिर न सो जाएँ,
सजग हमको है रहना,
बीत जाये ना दिवस,
बीत जाये ना दिवस,
फिर अब पड़े तम को न सहना |
है अब हमें पुरजोर से,
है अब हमें पुरजोर से,
उत्थान की करनी तैयारी,
पानी है हर वो चोटी,
पानी है हर वो चोटी,
है जिससे जुडी मंजिल हमारी |